मां की ममता पर खड़े हुए सवाल, नवजात बेटी को बीच सड़क पर छोड़ा, भूख से बिलखती रही बच्ची
By: Ankur Fri, 21 Aug 2020 09:43:04
एक मां की ममता पर सवाल खड़े करने की कोई सोच भी नहीं सकता हैं। लेकिन अक्सर कई घटनाएं ऐसी हो जाती हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जहां महराजगंज में बुधवार की रात एक मां ने अपनी नवजात बच्ची को बीच सड़क पर छोड़ दिया और बच्ची भूख से बिलखती रही। नवजात रात के अंधेरे में खुले आसमान के नीचे निचलौल सिंदुरिया मार्ग पर पड़ी रही। इसी बीच सड़क पर टहल रहे लोगों ने नवजात के रोने की आवाज सुनी। पास जाकर देखा तो पुराने कपड़े में एक बच्ची लिपटी हुई थी, जिसे खोन्हौली निवासी सावित्री ने तुरंत गोद में उठाकर लिया।
बच्ची मिलने की सूचना मिलते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। लेकिन सूचना पाकर मौके पर पहुंची चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची को कब्जे में लेकर पुलिस को सूचना देते हुए उपचार के लिए सीएचसी निचलौल ले गई। जहां पर चिकित्सकों ने बच्ची का प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां पर बच्ची का स्वास्थ्य ठीक है।
चाइल्ड लाइन टीम के सदस्य पिंटू ने बताया कि बुधवार की रात को काफी गर्मी के चलते खोन्हौली गांव के कुछ लोग निचलौल सिंदुरिया सड़क पर टहल रहे थे। अभी वह लोग नहर पुल पर पहुंचे थे। तभी बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी। इन लोगों ने पास पहुंचा तो देखा कि एक नवजात पुराने कपड़ों में लिपटी है। इन लोगों ने तुरंत बच्ची को गोद मे उठा लिया। बच्ची भूख से रो रही थी। उसे चुप कराने की कोशिश कर रहे थे। वही बच्ची मिलने की खबर मिलते ही दर्जनों लोग मौके पर पहुंचकर बच्ची को अपनाने की बात कहने लगे। लेकिन इस मामले की जानकारी उच्चधिकारियों देकर बच्ची को स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इंस्पेक्टर निर्भय कुमार ने बताया कि मामले कि जानकारी मिली है। कार्रवाई के बाद बच्ची के स्वास्थ्य जांच के लिए चाइल्ड लाइन टीम को सौंप दिया गया है।
बाल कल्याण समिति के अध्य्क्ष विनोद तिवारी में बताया कि बच्ची मिलने की सूचना मिली है। उसके स्वास्थ में सुधार है। फिलहाल करीब पांच दिनों तक बच्ची अस्पताल में रहेगी। उसके बाद चिकित्सकों द्वारा बच्ची का फिटनेश जारी किया जाएगा, तो बच्ची को देखरेख करने के लिए दस्तक इकाई गोरखपुर में रखा जाएगा। जहां पर बच्ची 60 दिनों तक रहेगी। उसके बाद बच्ची को गोद लेने के लिए प्रकाशन किया जाएगा। अगर प्रकाशन के बाद भी बच्ची के माता पिता उसे दस्तक इकाई नहीं ले जाते हैं तो कोर्ट द्वारा आवेदन किए हुए व्यक्ति को कागजी कार्रवाई के साथ सौंप दिया जाएगा।
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